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एलन मस्क 2030 तक 22000 इंसानों के दिमाग में लगाएंगे चिप, टेलीपैथी तकनीक से दिव्यांगो को मिलेगा फायदा
Neuralink ने दावा किया है कि वे आपके दिमाग में चिप लगा सकते हैं, जिससे आप बिना छूए फोन और लैपटॉप चला सकेंगे। यह किसी रिसर्च पेपर में टाइप आंकड़े या मेथड नहीं है, बल्कि यह चिप इंसानी दिमाग पर ट्रायल भी कर लिया गया है।
जानकारी के अनुसार, यह ट्रायल ने सफलतापूर्वक पूरा हुआ है, अब इंसानी दिमाग में चिपसेट को इंप्लांट किया जा सकता है। रविवार को मस्क ने बयान जारी करके कहा है कि जिस इंसान पर यह टेस्ट किया गया था वह अब बिलकुल स्वस्थ है।
न्यूरोलिंक का परिचय
न्यूरोलिंक कंपनी एलन मस्क की कंपनी है, जिन्हें टेस्ला और स्पेस एक वाले मास्क के रूप में जाना जाता है। न्यूरोलिंक कंपनी ने दावा किया है कि उन्होंने पहली बार इंसानी दिमाग में चिपसेट को इंप्लांट किया है। इसके बाद से न्यूरोलिंक ने इस पर लगातार काम किया है और इंसान के ब्रेन पर चिप इंप्लांट करने के बारे में अद्वितीय उपाय निकाले हैं।
दिव्यांगों को मिलेगी मदद
न्यूरोलिंक ने इस प्रोडक्ट का नाम टेलीपैथी दिया है। यह दिव्यांग लोगों के लिए काफी उपयोगी होने वाली है, जिनके हाथ या पैर नहीं होते हैं। इस टेलीपैथी की मदद से यूजर्स दिमाग से ही कंप्यूटर और स्मार्टफोन को कंट्रोल कर सकेंगे।
न्यूरोलिंक कंपनी ने इस ट्रायल के लिए बहुत सावधानी बरती है। वायरलेस ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस पर काम करने के लिए, सर्जिकल रोबोट और इंप्लांट सेफ्टी का ध्यान दिया गया है। न्यूरोलिंक की योजना है कि वे 2030 तक 22000 से अधिक इंसानों के ब्रेन में चिप को इंप्लांट करेंगे।
पहले जानवरो पर हुए थे ट्रायल
न्यूरोलिंक कंपनी पहले जानवरों में ब्रेन चिप इंप्लांट करने का काम कर चुकी है। साल 2021 में न्यूरोलिंक ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें एक बंदर पर चिप का इस्तेमाल किया गया था।
इस टेस्टिंग के बाद बंदर को इंसानों जैसी हरकतें करते हुए देखा गया था। वीडियो में इंप्लांट के कुछ ही समय में बंदर अपने दिमाग का इस्तेमाल कर बिल्कुल इंसानों की तरह वीडियो गेम खेलता हुआ नजर आया।
यह एक काफी रोचक और उपयोगी तकनीक है, जो दिव्यांग लोगों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है। इसके साथ ही यह तकनीक भविष्य में और अधिक विकसित हो सकती है और हमारे जीवन को सुविधाजनक बना सकती है।